राहुल द्रविड़ से सीखें विनम्रता के साथ शानदार जीवन जीने का तरीक़ा!
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किसी ने कहा था ‘विनम्रता सबसे बड़ा सद्गुण है’, और बहुत से लोग अपनी ज़िंदगी में इसी सद्गुण को अपनाते हैं। महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ भी इसकी बेहतरीन मिसाल हैं। राहुल हमेशा से अपनी सौम्य व्यवहार और विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। राहुल बहुत ही सीधा सिंपल जीवन जीते हैं न तो वो सेलिब्रटी की तरह नखरे दिखाते हैं न ही वीआईपी स्टेट्स का फायदा उठाते हैं। शायद इसलिए आज भी राहुल द्रविड़ लोगों के फेवरेट बने हुए हैं।
राहुल हर दिन कतार में लगते हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। आपको ये सुनकर अजीब लगा होगा, लेकिन यह राहुल का रूटीन है। उनकी
ज़िंदगी की
ऐसी ही बहुत सी बातें हैं, जो बताती है कि राहुल देश के सबसे विनम्र
क्रिकेटर और बेहतरीन इंसान हैं।
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किसी ने कहा था ‘विनम्रता सबसे बड़ा सद्गुण है’, और बहुत से लोग अपनी ज़िंदगी में इसी सद्गुण को अपनाते हैं। महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ भी इसकी बेहतरीन मिसाल हैं। राहुल हमेशा से अपनी सौम्य व्यवहार और विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। राहुल बहुत ही सीधा सिंपल जीवन जीते हैं न तो वो सेलिब्रटी की तरह नखरे दिखाते हैं न ही वीआईपी स्टेट्स का फायदा उठाते हैं। शायद इसलिए आज भी राहुल द्रविड़ लोगों के फेवरेट बने हुए हैं।
राहुल हर दिन कतार में लगते हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। आपको ये सुनकर अजीब लगा होगा, लेकिन यह राहुल का रूटीन है। उनकी
1. राहुल अपने बच्चों के साथ साइंस प्रदर्शनी में लाइन में लगकर जाते हैं।
वैसे यदि वो चाहे तो अपने वीआईपी स्टेटस का इस्तेमाल करके सीधे एंट्री भी
कर सकते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं करते, बल्कि बच्चों के साथ खुद भी लाइन में
ही खड़े होते हैं आम लोगों की तरह।
2. एक बार जब वो गंभीर रूप से बीमार अपने एक फैन से मिलने नहीं जा पाए, तो उन्होंने स्काइप के ज़रिए न सिर्फ़ उससे एक घंटे बात की, बल्कि वहां नहीं पहुंच पाने के लिए माफ़ी भी मांगी।
3. जब एक यूनिवर्सिटी ने उन्हें मानद डिग्री प्रदान की, तो राहुल ने इसे अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि यूं ही डिग्री लेने की बजाय उन्हें पढ़ाई करके डिग्री लेनी चाहिए।
4. एक बार जब वो आम लोगों की तरह इकॉनॉमी क्लास से सफ़र कर रहे थे, तो उनके ऑटोग्राफ के लिए लोगों की भीड़ लग गई। फिर राहुल ने बड़ी ही विनम्रता से सबसे अनुरोध किया कि वो लोग दूसरे पैसेंजर्स को आने के लिए रास्ता छोड़ दें, तो वह बाद में सबको ऑटोग्राफ देंगे और फोटो भी खिंचवाएंगे।
5. एक यूज़र ने राहुल के साथ हुई अपनी मुलाकात का ब्योरा लिखा था:
“राहुल ने मुझसे हाथ मिलवाते हुए कहा, ‘हाय मैं राहुल हूं आपसे मिलकर अच्छा लगा.’ उनकी इस बात पर है हैरान रह गया, क्योंकि जिस शख्स को पूरा देश और दुनियाभर के क्रिकेट दीवाने जानते हैं वो फिर भी अपना परिचय दे रहा है किसी भी आम इंसान की तरह.”
6. अपनी खुद की कई गाड़ियां होने के बाद भी राहुल अक्सर बेंगलुरू में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते देखे जाते हैं।
7. एक बार किसी कैफे में जाने पर राहुल ने जब देखा कि वहां के सारे वेटर बिज़ी हैं तो उन्होंने खुद काउंटर पर जाकर अपना आर्डर दिया और पैसे देने के बाद अपनी सीट पर बैठें।
8. एक बार जब राहुल को नेत्रहीन क्रिकेटर्स को सलाह देने के लिए कहा गया तो राहुल ने दिल को छू लेने वाला जवाब दियाः
“ये नेत्रहीन खिलाड़ी मुझसे भी बेहतर और बड़ा काम कर रहे हैं। मुझे लगता है मुझे इन नेत्रहीन क्रिकेटर्स से सलाह लेने की ज़रूरत है।”
9. राहुल ने गोस्पोर्ट्स (GoSports) फाउंडेशन जॉइन किया है ताकि वो पैरालंपियन्स और ओलंपियन्स को सहयोग कर सकें।
10. राहुल के पिता की मौत के एक दिन बात जब फैन्स उनके घर के बाहर जमा हुए थे, तब भी राहुल उनसे मिले थे, क्योंकि वो लोग काफी दूर से आए थे। इतना ही नहीं राहुल ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।
आप कह सकते हैं कि भारतीय क्रिकेट का या वॉल विनम्रता की जीती-जागती मिसाल है।
2. एक बार जब वो गंभीर रूप से बीमार अपने एक फैन से मिलने नहीं जा पाए, तो उन्होंने स्काइप के ज़रिए न सिर्फ़ उससे एक घंटे बात की, बल्कि वहां नहीं पहुंच पाने के लिए माफ़ी भी मांगी।
3. जब एक यूनिवर्सिटी ने उन्हें मानद डिग्री प्रदान की, तो राहुल ने इसे अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि यूं ही डिग्री लेने की बजाय उन्हें पढ़ाई करके डिग्री लेनी चाहिए।
4. एक बार जब वो आम लोगों की तरह इकॉनॉमी क्लास से सफ़र कर रहे थे, तो उनके ऑटोग्राफ के लिए लोगों की भीड़ लग गई। फिर राहुल ने बड़ी ही विनम्रता से सबसे अनुरोध किया कि वो लोग दूसरे पैसेंजर्स को आने के लिए रास्ता छोड़ दें, तो वह बाद में सबको ऑटोग्राफ देंगे और फोटो भी खिंचवाएंगे।
5. एक यूज़र ने राहुल के साथ हुई अपनी मुलाकात का ब्योरा लिखा था:
“राहुल ने मुझसे हाथ मिलवाते हुए कहा, ‘हाय मैं राहुल हूं आपसे मिलकर अच्छा लगा.’ उनकी इस बात पर है हैरान रह गया, क्योंकि जिस शख्स को पूरा देश और दुनियाभर के क्रिकेट दीवाने जानते हैं वो फिर भी अपना परिचय दे रहा है किसी भी आम इंसान की तरह.”
6. अपनी खुद की कई गाड़ियां होने के बाद भी राहुल अक्सर बेंगलुरू में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते देखे जाते हैं।
7. एक बार किसी कैफे में जाने पर राहुल ने जब देखा कि वहां के सारे वेटर बिज़ी हैं तो उन्होंने खुद काउंटर पर जाकर अपना आर्डर दिया और पैसे देने के बाद अपनी सीट पर बैठें।
8. एक बार जब राहुल को नेत्रहीन क्रिकेटर्स को सलाह देने के लिए कहा गया तो राहुल ने दिल को छू लेने वाला जवाब दियाः
“ये नेत्रहीन खिलाड़ी मुझसे भी बेहतर और बड़ा काम कर रहे हैं। मुझे लगता है मुझे इन नेत्रहीन क्रिकेटर्स से सलाह लेने की ज़रूरत है।”

10. राहुल के पिता की मौत के एक दिन बात जब फैन्स उनके घर के बाहर जमा हुए थे, तब भी राहुल उनसे मिले थे, क्योंकि वो लोग काफी दूर से आए थे। इतना ही नहीं राहुल ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।
आप कह सकते हैं कि भारतीय क्रिकेट का या वॉल विनम्रता की जीती-जागती मिसाल है।
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